सिविलाइजेशन की प्रगति के साथ, निवेश का जीवन में महत्व बढ़ गया है। धन की समृद्धि के लिए अच्छे निवेश का महत्व नहीं छोड़ा जा सकता है। इसके साथ, निवेश के लिए सबसे प्राथमिक रूप में एकीकृत निवेश योजना (SIP) का महत्व बढ़ गया है, जो नियमित अंतराल पर निवेशकों को धन का संचय और वृद्धि करने का अवसर प्रदान करती है। इसकी ताकत को बेहतरीन तरीके से समझाने के लिए, हम आपको एक कमाल की कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो एक म्यूचुअल फंड के माध्यम से किसी को करोड़पति बना दी।
इस कहानी का मुख्य पात्र है फ्रैंकलिन इंडिया फोकस्ड इक्विटी फंड, जो नियमित रूप से 2007 में लॉन्च किया गया था। एक निवेशक ने इस फंड में मात्र 10,000 रुपये महीने की SIP की निवेश की थी। यह सिर्फ एक साधारण व्यक्ति का निवेश था, लेकिन समय के साथ, इसने अद्भुत धन का संचय किया।
सिखने के लिए, फंड के रेटर्न को ध्यान में रखते हुए, यह SIP निवेश ने अद्भुत रिटर्न दिया। लगभग 16 साल के समय अवधि के बाद, निवेशक ने अपने निवेश को 98 लाख रुपये तक वृद्धि कर देखा। यह धन बहुतायत में निकाला गया और निवेशक को करोड़पति बना दिया।
निवेश में समय और कंपाउंडिंग धन की वृद्धि का राज
निवेश में समय और कंपाउंडिंग की ताकत के बारे में बात करते समय, हमें यह समझना महत्वपूर्ण है कि धन का निवेश केवल एकल धन राशि में नहीं होता है, बल्कि इसका असर समय के साथ बढ़ता है। समय के साथ निवेश करने से, निवेश की राशि में वृद्धि होती है, और इसलिए उस पर प्राप्त रिटर्न भी बढ़ जाता है। यही कंपाउंडिंग की ताकत है।
वॉरेन बफे और रे डेलियो जैसे निवेश के महान व्यक्तित्वों ने भी कंपाउंडिंग की महत्ता को स्वीकार किया है। उनके अनुसार, समय के साथ निवेश करने से धन का अधिकतम संभावित लाभ होता है। जब निवेशक नियमित अंतराल पर निवेश करता है और उसे अपने निवेश को बढ़ाने का समय दिया जाता है, तो वह अधिकतम फायदा प्राप्त करता है।
कंपाउंडिंग के इस महत्व को समझने के लिए, एक उदाहरण देखा जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति नियमित रूप से एक निवेश योजना में मात्र 10,000 रुपये हर महीने निवेश करता है, और उसका निवेशी फंड प्रतिवर्षी 12% के ब्याज दर पर वृद्धि करता है, तो 20 वर्षों के बाद उसका निवेश 1.22 करोड़ रुपये तक पहुँच सकता है।
कंपाउंडिंग की ताकत फ्रैंकलिन इंडिया फोकस्ड इक्विटी फंड का अनोखा सफर
कंपाउंडिंग की ताकत को समझने के लिए हमने एक रैंडम म्यूचुअल फंड योजना को चुना है, जिसका नाम फ्रैंकलिन इंडिया फोकस्ड इक्विटी फंड है। यह एक प्रमुख निवेश योजना है जिसे लगभग 16 साल पहले, जुलाई 2007 में लॉन्च किया गया था। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारतीय शेयर बाजार के माध्यम से निवेश करके वित्तीय वृद्धि को बढ़ावा देना है।
फ्रैंकलिन इंडिया फोकस्ड इक्विटी फंड एक उत्कृष्ट निवेश योजना है जो निवेशकों को लंबे समय तक धीरे-धीरे निवेश करने का मौका देता है। इस फंड की प्रबल वित्तीय प्रबंधन और अच्छे प्रदर्शन के कारण, यह निवेशकों के बीच में बहुत लोकप्रिय है।
फ्रैंकलिन इंडिया फोकस्ड इक्विटी फंड के निवेशकों को अच्छे रिटर्न के साथ-साथ लंबे समय तक निवेश करने का मौका मिलता है। इस फंड के माध्यम से कंपाउंडिंग की ताकत को समझने के लिए, हमें इसकी गतिशीलता को देखने की जरूरत है।
जैसा कि फ्रैंकलिन इंडिया फोकस्ड इक्विटी फंड के सफल इतिहास से पता चलता है, यह निवेशकों को अच्छे रिटर्न प्रदान करता है और लंबे समय तक निवेश के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है। इसके अलावा, इस फंड के वित्तीय प्रबंधक ने बाजार के दौरान स्थिरता का संज्ञान रखकर निवेशों को सुरक्षित रखा है।
फ्रैंकलिन इंडिया फोकस्ड इक्विटी फंड अनोखा रिटर्न का सफर
फ्रैंकलिन इंडिया फोकस्ड इक्विटी फंड ने हाल के दिनों में काफी अच्छा रिटर्न प्रदान किया है। इस फंड ने स्थापना के बाद से चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर में 14.33 फीसदी का सीएजीआर (स्थापना के बाद से ह चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) दिया है। यह फंड निवेशकों को उच्च रिटर्न के साथ वित्तीय स्थिरता भी प्रदान करता है। निवेशकों के लिए इसका सीएजीआर दर अत्यंत प्रोत्साहक है, जो उन्हें निवेश की योजना में सहायक होता है।
एक समझदार निवेशक अगर पिछले एक साल में इस योजना में नियमित रू 10,000 रुपये निवेश करता, तो उसका निवेश बढ़कर 1.46 लाख हो जाता। इस तरह, फ्रैंकलिन इंडिया फोकस्ड इक्विटी फंड ने निवेशकों को अद्भुत रिटर्न का सफर प्रदान किया है और उन्हें उनके निवेश के माध्यम से धन की समृद्धि का अवसर दिया है।
निवेश की ताकत लंबे समय तक निवेश करके प्राप्त होती है बड़ी रकम
निवेश की ताकत को समझने के लिए, लंबे समय तक निवेश करने का महत्वपूर्ण तथ्य है। निवेशकों के लिए एक स्थिर निवेश योजना जैसे एसआईपी (व्यवस्थित निवेश योजना) एक बेहतरीन विकल्प होता है जो उन्हें निवेश के माध्यम से धीरे-धीरे धन की समृद्धि का अवसर प्रदान करता है।
यदि कोई व्यक्ति लगातार 3 सालों तक एसआईपी के माध्यम से हर महीने 10,000 रुपये का निवेश जारी रखता है, तो उसका निवेश 3.6 लाख रुपये तक पहुँचता है। यहाँ ध्यान देने योग्य बात यह है कि यहाँ पर निवेशक ने निवेश की धीरे-धीरे वृद्धि का लाभ लिया है, जिससे उन्हें अधिक रिटर्न मिला है।
इसी तरह, यदि पांच साल के लिए 6 लाख रुपये का निवेश किया जाता है, तो उसका निवेश बढ़कर 10.26 लाख रुपये हो जाता है। यह फिर से निवेशक को बड़ी रकम के रूप मेंरिटर्न प्राप्त करने का मौका देता है और उन्हें वित्तीय स्थिरता की सुरक्षा भी प्रदान करता है।