वैसे तो आपको पता ही होगा कि म्यूचुअल फंड के बेहतरीन रिटर्न परफॉर्मेंस के कारण यह आजकल सबसे पसंदीदा निवेश विकल्प है। यदि आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं, तो पहले इसके बारे में गहराई से जानकारी हासिल करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
इसके बिना, यह निवेश जोखिमपूर्ण हो सकता है। म्यूचुअल फंड में समझदारी से निवेश करने पर, आपको रिटर्न को कई गुना तक बढ़ाने का भी मौका मिल सकता है। दोस्तों अगर आप म्युचुअल फंड से पैसा निकालना चाहते हैं तो आप इसमें ऑनलाइन का प्रयोग कर सकते हैं तथा ऑफलाइन का भी प्रयोग कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड से ऑनलाइन या ऑफलाइन निकले पैसे
हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि म्यूचुअल फंड से पैसे निकालने का प्रोसेस अभी फंड्स में अलग-अलग प्रकार से होता है। यदि आपका मन ऑनलाइन तरीके से निकलवाने का है तो आप ऑनलाइन तरीके से निकाल सकते हैं या ऑफलाइन तरीके से म्यूचुअल फंड का पैसा निकाल सकते हैं। ऑनलाइन प्रक्रिया आसान और तेज होती है, जबकि ऑफलाइन माध्यम आपको बैंक शाखा या निवेश फिर्म में जाकर निकालने की प्रक्रिया को पूरा करने की सुविधा देता है।
जानिए होल्डिंग अवधि का महत्व
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय, होल्डिंग अवधि का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। अगर आप समय से पहले निकालना चाहते हैं, तो आपको एग्जिट लोड चार्ज देना पड़ सकता है। इसलिए, निवेश करते समय होल्डिंग अवधि को ध्यान में रखना बेहद महत्वपूर्ण है।
एग्जिट लोड चार्जेस फंड से निकालना तथा सही बैंक अकाउंट चेक करना
जब आप अलग-अलग म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको विभिन्न फंड्स में अलग-अलग तरह के एग्जिट लोड चार्जेस की जाँच करने को मिल सकते हैं। इसलिए, जब भी आप फंड से निकालने का निर्णय लेते हैं, तो आपको इस बात का भी ध्यान देना चाहिए कि कौनसा फंड आपको कितना चार्ज लगाएगा।
जब आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको पता होना चाहिए किआपके फंड के साथ सहीं बैंक अकाउंट लिंक्ड है या नहीं। सहीं बैंक अकाउंट के अभाव में, आपका निवेश हो सकता है और आप निवेश के लाभों का नुकसान भी उठा सकते हैं। इसलिए, निवेश करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका बैंक अकाउंट सहीं तरीके से फंड से लिंक्ड है।
NAV का सत्यापन कैसे होता है
NAV (Net Asset Value) एक महत्वपूर्ण पैरामीटर है जो आपको फंड की सच्चाई का पता लगाने में मदद करता है। यह दिखाता है कि फंड के निवेश का मूल्य कितना है और कैसे वह फंड प्रदर्शन कर रहा है। फंड का पहले वाला NAV मूल्य और वर्तमान NAV मूल्य का अंतर आपके निवेश का प्रदर्शन और रिटर्न की जाँच करने में मदद करता है।
केवाईसी और टैक्स के बीच अंतर
केवाईसी (Know Your Customer) निवेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि निवेशक की पहचान सत्यापित होती है साथ ही, समय-समय पर अपडेट करना भी महत्वपूर्ण है ताकि कोई भी निवेशक किसी भी प्रकार की दिक्कतों से बच सके।
म्यूचुअल फंड से रिटर्न रिडीम करने पर निवेशक को टैक्स चुकानी पड़ सकती है। इसलिए, निवेशकों को अपनी निवेश पर टैक्स संबंधित जरुरी सलाह लेनी चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि वे टैक्स के नियमों का पालन करते हैं और किसी भी प्रकार की कर देने से बच सकें।
यह भी पढ़ें:
इस आसान तरीका से बनाये 1 करोड़ रुपए! हर महीने शुरू करें 5-10-15 हजार रुपए से निवेश