पेटीएम सेयर की कीमत दिन पर दिन बदलती रहती है, और यह कई कारकों पर निर्भर करता है, जैसे की कंपनी की प्रदर्शन, बाजार की स्थिति, और आर्थिक संकटों का प्रभाव। वर्तमान में, ब्रोकरेज फर्म्स और वित्तीय विश्लेषकों के द्वारा पेटीएम के शेयर्स के बारे में अनुमान हैं कि यह कितनी महंगी हो सकती है।
हालांकि, इसकी निष्कर्षण करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि बाजार की पूर्वानुमान सटीक नहीं होती। पेटीएम को हाल ही में नेशनल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (NPCI) से तीसरे पक्ष के एप्लिकेशन के रूप में मंजूरी मिली है, जिससे यह अब Google Pay और PhonePe जैसे अन्य पेमेंट्स ऐप्स के समान रूप से काम कर सकता है।
यह नई अनुमति पेटीएम के उपयोगकर्ताओं को और अधिक सुविधा प्रदान करेगी और उनके लिए एक और स्वार्थी विकल्प होगा। इस समय, बाजार के अनुसार पेटीएम के स्टॉक की कीमत 500 रुपये से ऊपर जा सकती है, लेकिन इसकी पूर्वानुमान करना बहुत मुश्किल है। इसलिए, निवेश करने से पहले आपको बाजार की स्थिति को ध्यान में रखना चाहिए और वित्तीय सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए।
पेटीएम भारतीय डिजिटल भुगतान का नया उदाहरण
पेटीएम ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है जब उसे नेशनल पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया (NPCI) से तीसरे पक्ष के एप्लिकेशन के रूप में मंजूरी मिली है। इससे पेटीएम को अब Google Pay और PhonePe जैसे अन्य पेमेंट्स ऐप्स की तरह काम करने की इजाजत मिली है। यह एक महत्वपूर्ण घटना है जो भारतीय डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक नई दिशा को सूचित करती है।
इसके अलावा, पेटीएम ने अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए अनेक बैंकों के साथ साझेदारी की। यह बैंकों में एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, और यस बैंक शामिल हैं। इस साझेदारी से पेटीएम को वित्तीय संस्थाओं के साथ मजबूती मिलेगी और इसके उपयोगकर्ताओं को अधिक विकल्प प्रदान करने में मदद मिलेगी।
यह स्वागतनीय खबर है क्योंकि यह पेटीएम को उसके बिजनेस में नई संभावनाओं का दरवाजा खोलती है। भारत में डिजिटल भुगतान का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, और पेटीएम के इस नए प्रमाण के साथ, उसे अधिक उपयोगकर्ताओं तक पहुंचने का मौका मिलेगा। इससे उम्मीद है कि पेटीएम का व्यापार और सक्रियता और भी बढ़ेंगे, जिससे यह भारतीय डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बन सकता है।
पेटीएम विकास में अड़चनें और विकासशील होने की संभावनाएं
मोतीलाल ओसवाल के एनालिस्ट्स के अनुसार, पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को आरबीआई के प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है, जिससे कंपनी को अपने ग्राहकों और व्यापारियों को खोने का जोखिम मिला है। इस प्रतिबंध के परिणामस्वरूप, कंपनी की विकास में कुछ अड़चनें पैदा हो रही हैं।
मोतीलाल ओसवाल के एनालिस्ट्स ने उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद देखते हुए बताया है कि उन्हें पेटीएम में हो रहे बदलावों पर नजर बनाए रखने की जरूरत है। इस संकेत से स्पष्ट होता है कि बाजार में अगले कुछ समय में पेटीएम के साथ कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं हो सकती हैं, जिनका अनुकरण निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
पेटीएम आर्बीआई के कार्रवाई से प्रभावित
पेटीएम के यूपीआई ट्रांजैक्शन वॉल्यूम में फरवरी महीने में गिरावट का अनुमान है, जो आर्बीआई के कार्रवाई के बाद आई है। एनालिस्ट्स का मानना है कि मार्च 2024 में भी यूपीआई लेनदेन की मात्रा और वैल्यू डेटा में और गिरावट की संभावना है। इस दौरान, पेटीएम की ओवरऑल बाजार हिस्सेदारी में भी गिरावट की संभावनाएं जताई जा रही हैं।
इस अवस्था में, पेटीएम के पेमेंट प्रोसेसिंग मार्जिन में भी गिरावट का अनुमान है। ज्यादा यील्ड वाले वॉलेट बिजनेस के मिश्रण का भी अधिकतम गिरावट का कारण बना रहा है। ब्रोकरेज ने पेटीएम के लिए 530 रुपए प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ ‘न्यूट्रल’ रेटिंग दी है। उनके अनुसार, वित्त वर्ष 2025 के रेवेन्यू में 24 फीसदी की गिरावट और प्रॉफिट में 30 फीसदी की गिरावट की संभावना है। मार्जिन 51 फीसदी तक बना रहने की संभावना है।
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